मैं यहाँ हूँ
आओ तुम भी ...
मेरी तन्हाई से तुम
अपनी तन्हाई को भी
मिलने दो |
मैं यहाँ हूँ
आओ तुम भी...
सदियों का अकल मौन
तुम्हारे जीवन की रिक्तता
मिलें हम आओ |
मैं यहाँ हूँ
आओ तुम भी...
कहने को कुछ नहीं है
तुम कहाँ कभी बोल पाई हो
मौन को बोलने दो |
मैं यहाँ हूँ
आओ तुम भी...
बडबडाता हूँ हरदम यूंही
तन्हाई में तेरी यादों के सहारे
तेरे अक्स को सजाने दो |
***
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